भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदीको हत्या योजना बनेको सनसनी भारतभर फैलिएको छ । करिव ४ दशकदेखि भारतमा सशस्त्र संघर्ष गरिरहेको नक्सालवादी (भारतीय माओवादी) पार्टीका कार्यकर्ताहरुको गिरफ्तारीपछि उक्त खुलासा भएको हो ।
गिरफ्तार गरिएका नक्सालवादी कार्यकर्ताहरुबाट भूमिगत रुपमै लेखिएको एउटा महत्त्वपूर्ण चिठी समेत भारतीय प्रहरीले बरामद गरेको र उक्त चिठीमा प्रधानमन्त्री मोदीको हत्या गर्ने योजना बनाइएको तथ्य फेला परेको दाबी भारतीय प्रहरीले गरेको छ । चिठीमा पूर्वप्रधानमन्त्री राजीव गान्धीकै शैलीमा प्रधानमन्त्री मोदीको हत्या गर्ने योजना बनेको भारतीय प्रहरीको दाबी छ ।
उक्त चिठी एक नक्सालवादी कार्यकर्ताको कम्युटरबाट बरामद गरिएको भारतको पुणेस्थित प्रहरी स्राेतलाई उद्धृत गर्दै भारतीय सञ्चार माध्यामहरुले समाचार सम्प्रेषण गरेका छन् । भारतीय गृहमन्त्री राजनाथ सिंहले प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदीको सुरक्षाका लागि सरकार गम्भीर रहेको बताएका छन् । शुक्रबार जम्मु–कश्मिरको एकदिने भ्रमणमा निस्किएका उनले प्रधानमन्त्री मोदीको हत्या योजना बनेको समाचारका सम्बन्धमा सोधिएको प्रश्नको जवाफ दिँदै सो दाबी गरेका हुन् ।
भारतमा माओवादी (नक्सालवादी) हरु सकिएको दाबी गर्दै उनीहरु अब १० जिल्लामा सीमित भएको दाबी गृहमन्त्री सिंहले गरेका छन् । आतंकवाद नियन्त्रणका लागि सरकारले उचित निर्णय लिने तयारी गरिरहेको समेत उनले बताएका छन् ।
नक्सालवादीहरुले लेखेको भनिएको चिठी यस्तो छ–
प्रिय कॉमरेड, लाल सलाम
आपका आखिरी खत द्दण् मार्च को मिला । मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यहां अरुण, वेर्नोन और अन्य लोग शहर में धीरे-धीरे अपनी जगह बना रहे दो तरफा संघर्ष को लेकर चिंतित हैं । खासकर बिजॉय दा के दुर्भाग्यपूर्ण देहांत के बाद। वह पार्टी और लाल क्रांति के लिए निस्वार्थ भाव से समर्पित थे और दूरदृष्टि वाले मजबूत नेता थे । आज के चुनौतीपूर्ण दौर में उनके नेतृत्व की बेहद जरूरत थी ।
पार्टी में तब तक चीजें काफी बेहतर थीं, जब तक प्रशांत का अहंवादी एजेंडा पार्टी हितों और राजनीतिक बंदियों के मुद्दे पर हावी नहीं हुआ था । राजनीतिक बंदी कॉमरेड साईबाबा ने २०१३ में ही आपके सामने यह मुद्दा उठाया था, जब प्रशांत ने साईबाबा के खिलाफ बगावत कर दी थी । हमारा मानना है कि गढ़चिरौली कोर्ट के फैसले ने एक तरह से पार्टी को प्रशांत द्वारा होने वाले नुकसान से ही बचाया । इन सबके बावजूद साईबाबा के बचाव के लिए हम अथक मेहनत कर रहे हैं। जेल में बंद कॉमरेड साथी की मदद के लिए हर संभव कानूनी सलाह ली जा रही है ।
एचबी को हमारे पक्ष में जनमत बनाने के लिए कार्यक्रमों और विरोध प्रदर्शनों के आयोजन की सारी जिम्मेदारी सौंपी गई है । २० अप्रैल को हम जीएन साईबाबा के बचाव एवं रिहाई के लिए कमिटी के बैनर तले एक और कार्यक्रम का आयोजन करेंगे । अपने सभी राजनीतिक बंदी साथियों की राहत के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ने वाले । कॉमरेड अशोक बी, अमित बी, सीमा और सुधीर ने सीआरपीपी ईसी की लगातार और ज्यादा बैठकें किए जाने पर जोर दिया है । इससे महाराष्ट्र, दिल्ली, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में पेंडिंग चल रहे ढेरों केसेज के संबंध में बेहतर समन्वय स्थापित होगा ।
दूसरी ओर कॉमरेड सिराज ने पार्टी के लिए हरसंभव मदद करने की इच्छा जाहिर की है। वह पिछले कई वर्षों से पार्टी के साहित्य, प्रस्तावों और पार्टी संविधान का अध्ययन कर रहे हैं । तमाम चुनौतियों के बावजूद वह दूसरे एपीटी क्रॉस ओवर के लिए तैयार हैं । इस बार में कॉमरेड सिराज के साथ एक अन्य कॉमरेड को भी भेजना चाहूंगा । इस चिट्ठी के साथ भेजे गए मेमोरी चिप में उसका सीवी मौजूद है । पिछले साल विष्णु ने कॉमरेड बसंत से मुलाकात कर यह डील पक्की की थी। उस समय कॉमरेड किसन मुलाकात नहीं कर सके थे । उम्मीद है आपको इस मीटिंग की डीटेल्स मिल गई होंगी और एमद्ध बंदूकें और ४ लाख गोलियां खरीदने के लिए ८ करोड़ रुपयों की जरूरत के बारे में भी पता लग गया होगा ।
हिंदू फासीवाद को हराना हमारा कोर एजेंडा है और पार्टी का मुख्य ध्येय है । सीक्रेट सेल और संस्थान से खुले तौर पर जुड़े कई लीडर्स ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया है । हम समान विचारधारा वाले संगठनों, राजनीतिक दलों और देशभर में अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों के साथ अपने संबंध मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं। मोदी के नेतृत्व वाली हिंदू फासीवादी सरकार मूलवासी आदिवासियों की जिंदगी में भी घुसपैठ कर चुकी है ।
बिहार और पश्चिम बंगाल में हार के बावजूद मोदी ने ज्ञछ राज्यों में सफलतापूर्वक बीजेपी की सरकार बना ली है । अगर बीजेपी की आगे बढ़ने की यही गति बनी रही तो हमारी पार्टी को हर मोर्चे पर तगड़ी परेशानी झेलनी पड़ सकती है । विरोध की आवाजों को पहले से भी अधिक बलपूर्वक दबाया जा रहा है और मिशन २०१६ का और बर्बर रूप सामने आया है ।
कॉमरेड किसन सहित कई कॉमरेड साथियों ने मोदी राज के खात्मे के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाने का प्रस्ताव रखा है । हम राजीव गांधी हत्याकांड की तर्ज पर ही एक और हत्याकांड के बारे में विचार कर रहे हैं। यह खुदकुशी करने जैसा है और इसके भी काफी आसार हैं कि हम इसमें असफल हो जाएं, लेकिन हमें ऐसा लगता है कि पार्टी पीबीरसीसी को हमारे सुझाव पर विचार विमर्श करना चाहिए । उसके (मोदी) रोड शोज को निशाना बनाना अच्छी रणनीति साबित हो सकता है । हम सभी का मानना है कि पार्टी का अस्तित्व हर कुर्बानी से ऊपर है । शेष अगली चिट्ठी में ।